जन्माष्टमी प्रसाद: -पंजीरी माखन मिश्री व पंचामृत (Panjiri Makhan Mishri Panchamrit)

जन्माष्टमी प्रसाद: -पंजीरी माखन मिश्री व पंचामृत (Panjiri Makhan Mishri Panchamrit)


शास्त्रों की मानें तो करीब सवा पांच हजार साल पहले भाद्रपद माह में कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। जिसके बाद इस दिन को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन बालगोपाल की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
आमतौर पर कहा जाता है कि कोई भी वत्र बिना प्रसाद बांटे पूरा नहीं होता। लोग प्रसाद में अक्सर आटे की पंजीरी बनाते हैं। लेकिन क्या आपने कभी धनिए की पंजीरी सुनी हैं। जी हां धनिए की पंजीरी का जन्माष्टमी के वत्र में बहुत बड़ा महत्व समझा जाता है।कृष्ण जन्माष्टमी पर लोग अपने घरों में सुख-शांति बनाए रखने के लिए धनिए की पंजीरी और पंचामृत बनाते हैं।


पंचामृत बनाने का तरीका
Panchamrit prasad recipe
पंचामृत बनाने की सामग्री :

ताजा दही         1  चम्मच
दूध               7 चम्मच
शहद                2 चम्मच
घी                     1 चम्मच
मिश्री                  1 चम्मच

पंचामृत बनाने की विधि

इन सबको मिला लें। चाहें तो स्वाद के लिए मखाने मिला लें। इसमें तुलसी का पत्ता डालकर भगवान को भोग लगाएं। फिर इसे प्रसाद के रूप में सबको खिलाएं।

माखन मिश्री बनाने का तरीका
Makhan Mishri prasad banane ki vidhi

सामग्री
घर का बना बिना नमक का मक्खन    —  आधा कप
दरदरी कुटी हुई कुंजा मिश्री            —  चौथाई कप

विधि
मक्खन और मिश्री को अच्छे से मिला लें। श्री कृष्ण के लिए उनका प्रिय माखन मिश्री तैयार है। इसमें तुलसी का पत्ता रखकर भगवान को भोग लगाएं। प्रसाद के रूप में वितरित करें। जन्माष्टमी प्रसाद में माखन मिश्री का विशेष महत्त्व है।

आटे की पंजीरी बनाने का तरीका


आटे की पंजीरी की सामग्री
गेंहू का आटा               2  कप
देसी घी                   2  चम्मच
बूरा चीनी               1  कप
इलायची           5  पिसी हुई
बादाम आदि सूखे मेवे – अपनी पसंद के

एक पेन में घी गर्म करें। इसमें आटा छानकर डाल दें। हल्का सा लाल होने लगे और खुशबू आने लगे तब गैस बंद करके ठंडा होने दें। इसमें बुरा चीनी और इलायची मिला दें। पसंद के हिसाब से सूखे मेवे की कतरन मिला दें।


धनिये की पंजीरी बनाने की विधि
एक पैन में घी गर्म करें। इसमें पिसा हुआ धनिया डालकर सेकें। खुशबू आने लगे और हल्का सा रंग बदलने लगे तब गैस बंद करके ठंडा कर लें। इसमें बूरा चीनी मिला दें। अपनी पसंद से इसमें सेके हुए मखाने , कसा हुआ नारियल , सूखे मेवे की कतरन आदि मिला सकते है। जन्माष्टमी के प्रसाद में पंजीरी जरूर बनती है।

मगज की कतली बनाने का तरीका
Magaj ki katli prasad banane ki vidhi

मगज की कतली की सामग्री
नारियल का बुरादा                डेढ़  कप
खरबूजे के बीज ( मगज )       आधा कप
शक्कर                               दो कप
पानी                                एक कप

मगज की कतली की विधि
एक पैन में नारियल का बुरादा सेक लें। इसे निकाल कर अलग रख लें। इसी पैन में खरबूजे के बीज भी तड़कने तक सेक कर अलग रख लें। इस पैन में शक्कर और पानी डालकर दो तार की चाशनी बना लें। नारियल बुरादा और मगज चाशनी में मिलाकर हिला लें। इसे एक थाली में हल्का सा घी लगाकर इसमें बर्फी की तरह जमा दें। ठंडा होने पर चोकोर कतली काट लें।

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